सारी मनुष्यजातियों के गिद्धों तुम्हारा कल्याण हो ।
जातपात के स्वागत के लिए भौंकने वाले नेताओ तुम्हारा कल्याण हो ।
जीतेजी नहीं थी वो जरुरत आज है ,
पुतलों को संरक्षण की ,
जीतेजी नहीं थी वो जरुरत आज है ,
पुतलों को संरक्षण की ,
विटंबना करने वाले उन महापही हाथों का कल्याण हो ।
एक बापू नामक मनुष्य और उसकी लाठी हमारे साथ थी ,
एक बापू नामक मनुष्य और उसकी लाठी हमारे साथ थी ,
लेकिन बापू तुम्हारा तो हमने कबका खून कर दिया ।
तभी से हमे आदत लग गयी है ,
मंदिर और मस्जिद के नाम पर लड़ने की
और धर्म के नाम पर दंगे भड़काने की ।
उन सारे देशद्रोहियोका कल्याण हो।
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